उपमुख्यमंत्री ने सीएम राहत कोष के तहत जरूरतमंदों को वितरित की सहायता राशि ऊना, 30 सितंबर। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को हरोली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत गरीब और वंचित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने 25 लाभार्थियों को कुल 13 लाख 60 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की।
इस दौरान श्री अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार जरूरतमंदों की सहायता के प्रति अत्यंत गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की तत्परता से मदद और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री राहत कोष एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो संकटग्रस्त व्यक्तियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरता है। श्री अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री
राहत कोष का उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति को राहत प्रदान करना है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी संकट की स्थिति में लोगों को एक संरक्षक की तरह सरकार का सहारा मिले। जब कभी भी किसी व्यक्ति को आपदा, बीमारी या अन्य संकट का सामना करना पड़ता है, तो हमारी सरकार उसके साथ खड़ी है और उन्हें त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास हमेशा यही रहा है कि दुखी लोगों की सहायता ईमानदारी से की जाए। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। हमारा प्रयास है कि जरूरतमंद लोगों के जीवन में व्यापक सुधार हो। सरकार की तमाम योजनाएं न केवल संकट में फंसे लोगों की वित्तीय स्थिति को सुधारने पर केंद्रित हैं, बल्कि समाज में एक बेहतर और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए भी लक्षित हैं।
प्रख्यात शिक्षाविद् स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की जयंती पर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में लंगर सेवा का आयोजन
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने हाथों मरीजों, तीमारदारों को भोजन परोसा, फल वितरित किए
ऊना, 30 सितंबर. प्रख्यात शिक्षाविद् स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की जयंती के उपलक्ष्य पर सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में लंगर सेवा का आयोजन किया गया। इस पुनीत कार्य में प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के पति प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विशेष रूप से शिरकत की और उन्होंने स्वयं अपने हाथों से मरीजों, तीमारदारों और अस्पताल के स्टाफ को भोजन परोसा। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों को फल भी वितरित किए।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की समाज के प्रति सेवा भावना अनुकरणीय रही है। बीमारों, गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए उनका समर्पण और भावना प्रेरणादायी है। उन्होंने अपने जीवनकाल में जो सामाजिक कार्य शुरू किए थे, उन्हें आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ उनकी जयंती पर लंगर सेवा का आयोजन किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने इस पुनीत अवसर पर लंगर सेवा में शामिल सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद भी किया। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री न केवल एक महान शिक्षाविद् थीं, बल्कि समाज सेवा के प्रति भी गहरा समर्पण रखती थीं। उनका मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज के भले में योगदान देना भी जरूरी है। उन्होंने आस्था फाउंडेशन के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा, नशा विरोधी आंदोलन, सड़क सुरक्षा अभियान और अन्य सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।
प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री का जन्म 29 सितंबर 1968 को हुआ था, और उन्होंने 9 फरवरी 2024 को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी की। वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन की प्रोफेसर थीं और उनकी विद्वता, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक योगदान के लिए पूरे प्रदेश में सम्मानित की जाती थीं। उनके शिक्षण और शोध कार्यों का प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जिससे अनगिनत विद्यार्थियों को प्रेरणा मिली। लंगर आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और समाज में सेवा और परोपकार की भावना को और अधिक सशक्त करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर ऊना सदर के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रणजीत राणा, सीएमओ डॉ. एस.के.वर्मा, कांग्रेस नेता संजीव सैणी, क्षेत्रीय अस्पताल में नियमित गुरु का लंगर सेवा के आयोजक मंडल के सदस्य समाज सेवी एवं वरिष्ट पत्रकार राजीव भनोट, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।.0.
प्रख्यात शिक्षाविद स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के जन्मदिन पर मशहूर सूफी गायक लखविंदर वडाली ने हरोली में सजाई सुरों की महफिल
ऊना, 29 सितंबर प्रख्यात शिक्षाविद स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के 56वें जन्मदिन पर रविवार को हरोली के कॉलेज परिसर में आयोजित ‘एहसास’ कार्यक्रम में उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन किया गया। प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में, सूफी गायक लखविंदर वडाली ने अपनी रूहानी गायकी से स्मृतियों के ‘एहसास’ को सुरों से महकाया और इस अवसर को हर श्रोता के लिए एक बेजोड़ आत्मिक अनुभव में बदल दिया। कार्यक्रम में प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के पति उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने प्रो. सिम्मी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर भावनाओं और संवेदनाओं से भरे जनसमूह ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री के भाई डॉ. राकेश अग्निहोत्री समेत सभी परिजन, मंत्री राजेश धर्माणी पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री रैंक) आर.एस.बाली, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, सीपीएस आशीष बुटेल, विधायक विवेक शर्मा, हरदीप बावा, सुदर्शन बबलू तथा नीरज नैयर, पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, पूर्व सीपीएस नीरज, पूर्व विधायक अजय महाजन, हमीरपुर से विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डॉ पुष्पेंद्र वर्मा, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अशोक ठाकुर, जिला ओबीसी सेल के अध्यक्ष प्रमोद कुमार, कांग्रेस पार्टी नेता महेश्वर चौहान, धर्मेंद्र धामी सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह समेत अन्य अधिकारियों तथा गणमान्यों व बड़ी संख्या में स्थानीय जनता और प्रदेश भर से आए लोगों ने प्रो. सिम्मी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शिक्षा क्षेत्र में प्रो. सिम्मी की उपलब्धियां हर बच्ची के लिए प्रेरणादायक – डॉ. आस्था
हजारों विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान की लौ से किया आलोकित
कार्यक्रम में अपनी आदरांजलि व्यक्त करते हुए डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रो. सिम्मी की उपलब्धियां हर बच्ची को प्रेरणा देने वाली हैं। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि कोई व्यक्ति जीवन में कहां पहुंचेगा, क्या मुकाम हासिल करेगा, ये जीवन की बाधाओं में आगे बढ़ते जाने का जज्बा और आपके कर्म, संघर्ष और मेहनत तय करते हैं।उन्होंने कहा कि प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री का जीवन एक दीपक की तरह था, जिन्होंने अनगिनत जीवनों को रोशन किया। वे एक साधारण परिवार में जन्मीं, लेकिन अपनी मेहनत, संघर्ष और आगे बढ़ने के जुनून से उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में बड़ी से बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के निधन के बाद दुख की घडि़यों में मजबूत साथ के लिए हरोली समेत सभी हिमाचल वासियों का आभार जताया।
एक महान शिक्षाविद और सच्ची समाजसेवी थीं प्रो. सिम्मी
29 सितंबर 1968 को मंडी में जन्मीं प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री का नाम शिक्षा के आकाश में एक नक्षत्र की तरह चमकता रहेगा। वे 9 फरवरी 2024 को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके माता श्री चिंतपूर्णी की दिव्य ज्योति में विलीन हो गईं। लेकिन अपने छोटे से जीवन काल में उनकी अनगिनत अकादमिक उपलब्धियां अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक मंचों पर भारतीय शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती हैं। हरोली कॉलेज का नामकरण प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के नाम पर करना यहां पढ़ने वाले हर विद्यार्थी के लिए ज्ञान की वृहद परंपरा से जुड़ने और असाधारण शैक्षणिक कर्तृत्व संपन्न व्यक्तित्व से जुड़ने का गौरव प्रदान करता है।उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र की तरह विकसित किया जा रहे प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री कॉलेज हरोली में मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य स्ट्रीम के सभी विषयों के साथ साथ बीबीए और बीसीए जैसे व्यवसायिक कोर्स और ललित कलाओं में म्यूजिक समेत अन्य विधाओं में भी डिग्री कोर्सज उपलब्ध हैं।प्रो. सिम्मी का जन्म मंडी नगर का है, बचपन से ही अध्ययनशील, विलक्षण मेधा सम्पन्न सिम्मी ने वहां राजकीय कन्या विद्यालय से स्कूली पढ़ाई और वल्लभ डिग्री कॉलेज मंडी से ग्रेजुएशन के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमफिल और पीएचडी की। स्कूली दिनों से ही पढ़ाई में अव्वल रहने पर उन्हें स्कॉलरशिप मिलने का जो सिलसिला आरंभ हुआ वो पीएचडी पर्यंत जारी रहा।वे छोटी ही आयु में वर्ष 1998 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगीं । बहुआयामी प्रतिभा की धनी प्रो. सिम्मी विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सभी जगह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विलक्षण प्रतिभा के सशक्त हस्ताक्षर दर्ज करवाती रहीं। उनकी असाधारण अकादमिक यात्रा ने उन्हें एक आदर्श शिक्षाविद के रूप में स्थापित किया। विद्यार्थियों की चहेती, पसंदीदा टीचर, उत्कृष्ट शिक्षाविद, प्रो. सिम्मी ने अनेकों विद्यार्थियों को पीएचडी और एमफिल की रिसर्च में गाइड किया। प्रो. सिम्मी के विद्वतापूर्ण लेख और शोध पत्र न केवल शिक्षा की दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी बहुत मजबूत और गहन विचार प्रस्तुत करते हैं।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की प्रोफेसर के रूप में अपने ज्ञान और अनुभव से उन्होंने अनगिनत जीवनों को रोशन किया। विभाग की चेयरपर्सन रहते हुए उन्होंने न केवल अपने विषय में गहराई से योगदान दिया, बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी एक नई दिशा दिखाने का काम किया, उन्होंने ज्ञान का ऐसा दीप जलाया, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।प्रो. सिम्मी जी के विशद ज्ञान और अनुभव की अनुगूंज केवल विश्वविद्यालय तक या प्रदेश तक ही सीमित नहीं थी, उन्होंने यूजीसी के कितने ही सम्मेलनों में भाग लेकर और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक मंचों पर अनेक बार भारतीय शिक्षा का प्रतिनिधित्व कर, भारत का नाम रोशन किया।पिछले साल उन्हें शिक्षा और शोध के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए वियतनाम इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड से भी अलंकृत किया गया था। उन्हें देश की नामी संस्थाओं ने अंतरराष्ट्रीय बेस्ट टीचर अवार्ड, वूमन अचीवर अवॉर्ड और नारी शक्ति अवार्ड समेत न जाने कितने अलंकरणों से नवाजा। उनकी लिखी एक पुस्तक का विमोचन उनके निधन से कुछ दिन पहले ही माननीय राज्यपाल के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ था।ये शिक्षा क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान की ही तस्दीक है कि उनकी मृत्यु के बाद भी कई विश्वविद्यालयों द्वारा उनके लिए मानद डिग्रियां प्रदान की गईं।वे एक ऐसी सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने समाज में जागरूकता की लहर पैदा की। वे आस्था फाउंडेशन के नाम से एक एनजीओ का संचालन कर रही थीं । नशे के खिलाफ आंदोलन, सड़क सुरक्षा अभियान, सामाजिक कार्य में सहभागिता तथा हर क्षेत्र में उनकी सहभागिता समाज सेवा के कार्य में उनकी लगातार सक्रियता की बानगी रहे।धर्मपत्नी के रूप में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का संबल बनीं प्रो. सिम्मी सबके लिए स्नेह, समझदारी व सीख का भंडार थीं । इरादों की ऐसी अटल कि लगातार 5 बार विधायक के रूप में रिकॉर्ड मतों से विजयी रहे श्री अग्निहोत्री की पांचों जीत में निर्णायक भूमिका निभाने वाली प्रो. सिम्मी नंगे पांव माता चिंतपूर्णी, माता ज्वालामुखी, बगलामुखी जी, शीश नवाने घर से पैदल पहुंचतीं।प्रो. सिम्मी ने अपनी इकलौती बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री को जो समृद्ध संस्कार दिए, ऊंची शिक्षा दी उनका सुफल है कि वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से ह्यूमन राइट्स में पीएचडी तथा हेग एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल लॉ से उच्चतर शिक्षा प्राप्त करके अपनी मां प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की शिक्षा, ज्ञान और समाज विकास की महान परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. आस्था प्रो. सिम्मी की तरह ही स्पष्ट सोच की एक दृढ़ व्यक्तित्व और उन्हीं की तरह मददगार हैं।.0.
ऊना : 26 सितंबर. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को तीन दिवसीय माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव का मेला ग्राउंड अम्ब में शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक सुदर्शन सिंह बबलू उनके साथ रहे.उपमुख्यमंत्री ने एसडीएम अंब कार्यालय परिसर में माता श्री चिंतपूर्णी जी की पवित्र ज्योति का स्वागत किया और शोभा यात्रा में भाग लिया। उसके उपरांत उन्होंने मेला मैदान में स्थापित पंडाल में माता श्री चिंतपूर्णी जी की पूजा अर्चना की और जिलेवासियों व प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की. उन्होंने महोत्सव पट्टिका का अनावरण करते हुए सभी को माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव की शुभकामनाएं दीं.इस मौके उपमुख्यमंत्री ने महोत्सव की स्मारिका का विमोचन भी किया. उन्होंने सुख आश्रय योजना के अंतर्गत सांकेतिक तौर पर 8 लाभार्थी बच्चों को स्कूल किट भेंट कीं. बता दें प्रशासन ने महोत्सव के प्रथम दिन को सुख आश्रय दिवस के रूप में मना रहा है. उन्होंने महोत्सव आयोजन में सक्रिय सहयोग के लिए प्रशासन की ओर से माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के पुजारियों को भी सम्मानित किया.*विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन* उप मुख्यमंत्री ने महोत्सव के दौरान अंब खेल मैदान में लगाई विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया . उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेश सरकार की योनजाओं, उपलब्धियों व कार्यक्रमों से संबंधित प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन भी किया।उपमुख्यमंत्री ने मेले में कुश्ती प्रतियोगिता के अवलोकन का भी आनंद लिया.इस अवसर पर पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, पूर्व विधायक गणेश बरवाल, जिला कांग्रेस प्रधान रंजीत राणा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अशोक ठाकुर, जिला कांग्रेस ओबीसी सेल के अध्यक्ष प्रमोद कुमार, उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम अंब सचिन शर्मा समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.