प्रेस नोट

27 Februry 2025

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने डेरा बाबा गरीब दास जी महाराज कांगड़ के वार्षिक संत सम्मेलन में की शिरकत

प्रदेश सरकार धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध – मुकेश अग्निहोत्री

ऊना, 27 फरवरी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने वीरवार को डेरा बाबा गरीब दास जी महाराज कांगड़ में शिवरात्रि के वार्षिक संत सम्मेलन में शिरकत की। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री को डेरा बाबा गरीब दास मंदिर कमेटी ने सम्मानित किया।इस दौरान उप-मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के धार्मिक स्थलों में लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में लोगों की धार्मिक स्थलों के प्रति प्रगाढ़ आस्था और विश्वास है। उन्होंने बताया कि हरोली में मंदिरों को भव्य रूप देने के लिए उनका सौंदर्यीकरण और जीर्णोेंद्धार किया जा रहा है ताकि स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सके। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने डेरा बाबा गरीब दास जी महाराज के नवनिर्मित प्रवेशद्वार का लोकार्पण भी किया।

श्री अग्निहोत्री ने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में मंदिरों के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संत गुरु रविदास मन्दिर भदसाली कोे 50 लाख रुपये, धनपुर के लिए 15 लाख रुपये, पंजावर के लिए 15 लाख रुपये, वालीवाल के लिए 15 लाख रुपये, ललड़ी और सलोह के लिए 25-25 लाख रुपये, श्री चरणो मन्दिर बढे़डा के लिए 15 लाख रुपये जारी किए है। उन्होंने कहा कि बाबा सिद्ध जलंधरी, संत बाबा डांगू बीटन, राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां, दुलैहड़ में रवि दास मन्दिर, बनौडे महादेव मंदिर चताडा और बीटन में कुटीया निर्माण के लिए 25-25 लाख रुपये जारी किए हैं। सलोह में कुटिया के निर्माण और हरोली में संत गुरु रविदास मन्दिर की सरायें के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही, शीतला माता मंदिर ईसपुर के लिए 5 करोड़ रूपये और दमामियां मन्दिर की सड़क के लिए 8 करोड़ रुपये जारी किए है।

शिव मंदिर सिंगा, डेरा बाबा गरीब दास मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख और खेल मैदान सिंगा के लिए 1 करोड़ की घोषणा

उप मुख्यमंत्री ने शिव मंदिर सिंगा और डेरा बाबा गरीबदास मंदिर कांगड़ के सौंदर्यकरण के लिए 10-10 लाख रूपये देने की घोषणा की। जबकि सिंगा में खेल मैदान का निर्माण करने के लिए एक करोड़ रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कहा कि सिंगा में पटवारखाना भी जल्द तैयार किया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों को राजस्व संबंधित कार्यों के लिए किसी प्रकार की असुविधा न हो।

इससे पहले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिव मंदिर सिंगा में महाशिवरात्रि पर्व के वार्षिक भंडारे में शामिल हुए। इस दौरान शिव मंदिर कमेटी सिंगा के सदस्यों की ओर से उप मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया।इस मौके पर जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणजीत राणा, विनोद विट्टू, शिव मन्दिर सिंगा के कमेटी के प्रधान जगदीश राणा, पंचायत प्रधान गुरूदेव सिंह, उप प्रधान भारत भूषण सहित अन्य उपस्थित रहे।-0-

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उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने संत ढांगू वाले गुज्जर राजकीय महाविद्यालय बीटन के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्यातिथि के रूप में की शिरकत

जल दोहन और पुनर्भरण में संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी – अग्निहोत्री

ऊना, 25 फरवरी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार और संरक्षण समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ये जल स्रोत न केवल भू-जल स्तर बनाए रखने में सहायक हैं, बल्कि जल संकट के समाधान में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जल दोहन और पुनर्भरण में संतुलन बनाए रखना हमारी आने वाली पीढ़ियों के प्रति जिम्मेदारी है। सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है और जल संसाधनों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठा रही है।
श्री अग्निहोत्री ने मंगलवार को हरोली विधानसभा क्षेत्र के संत ढांगू वाले गुज्जर राजकीय महाविद्यालय, बीटन के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए यह उद्गार प्रकट किए।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, इसमें जनभागीदारी भी आवश्यक है। उन्होंने पंचायती राज संस्थानों के सभी प्रतिनिधियों और युवाओं से अपील की कि वे जल संचयन को बढ़ावा दें और पारंपरिक जल स्रोतों, तालाबों, बावड़ियां को पुनर्जीवित करने में सक्रिय सहयोग करें।
इस दौरान उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने अकादमिक, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। उन्होंने समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली छात्राओं  को 51 हजार देने की घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरोली विस क्षेत्र शिक्षा का क्रान्तिकारी दौर देख रहा है।  शिक्षण संस्थानों में खेल मैदानों के सुधार और विकास कार्य प्राथमिकता पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीटन, खड्ड और हरोली में कॉलेज खोलने का मकसद ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को मजबूत करना था। विशेष कर लड़कियों को घर के समीप बेहतर शिक्षा का अवसर देना था। इनका काफी हद तक लाभ हुआ है। यहां से पढ़े बच्चे-बच्चियां देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं।

80 करोड़ की बीत क्षेत्र सिंचाई योजना- 2
उन्होंने कहा कि बीत क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 80 करोड़ रुपये की लागत से बीत क्षेत्र सिंचाई योजना – 2 का निर्माण किया जा रहा है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए हर गांव में टयूबल लगाए जा रहे है, जहां फसल की बात नहीं होती थी आज के दौर में अनाज, फल सबजियां पैदा हो रही है। इसके अलावा करीब 66 करोड़ रुपये की पानी की पाइपों पर खर्चे जा रहे हैं। हरोली विस में 50 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक पोलियां में और 25 लाख लीटर का टैंक दुलैहड़ में बनाया गया है।  

अगले महीने लगेंगे बल्क ड्रग पार्क परियोजना के 800 करोड़ के टेंडर
औद्योगिक विकास की दिशा में बल्क ड्रग पार्क परियोजना को हिमाचल प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य के लिए एक मील का पत्थर बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 1405 एकड़ क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। केंद्र और हिमाचल सरकार इसमें एक-एक हज़ार करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अगले महीने से 800 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए जाएंगे, जिससे परियोजना के ढांचागत निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।

चिट्टे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
उप मुख्यमंत्री ने ऊना को नशामुक्त जिला बनाने के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने चिट्टे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसमें किसी को बक्शा नहीं जाएगा।

सीसीटीवी की निगरानी में क्षेत्र
उन्होंने बताया कि 2 करोड़ रुपये की लागत से पूरे हरोली विस क्षेत्र को सीसीटीवी निगरानी में लाया गया है, जिससे अपराध पर अंकुश लगाया जा सके। विधानसभा क्षेत्र के मुख्य प्रवेश द्वारों, मार्गों, बाजारों और महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कोई भी अपराधी बच नहीं सकेगा।

करोड़ों के विकास कार्य
उन्होंने बीटन क्षेत्र में विकास का उल्लेख करते हुए बताया कि बीटन पंचायत घर के निर्माण के लिए 1.14 करोड़ रूपये उपलब्ध कराए गए हैं। यहां मंदिरों के सौंदर्यीकरण को तरजीह दी गई है। बीटन कुटिया और जाखेवाल मंदिर के लिए 25- 25 लाख रूपये दिए गए हैं। बीटन में तालाब सौंदर्यीकरण पर 2 करोड़ रूपये व्यय किए जा रहे हैं।1.50 करोड़ से बीटन में खेल मैदान का निर्माण किया जा रहा है, वहीं सिंगा में खेल मैदान के सुधार पर 1 करोड़ रूपये खर्चे जा रहे हैं। सीएचसी भवन पर करीब 3 करोड़ रूपये खर्चे गए हैं।
गोंदपुर- बाथू  सड़क पर 13 करोड़ और अमराली-छेतरा-साहुवाल सड़क के लिए 10 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार विधायक बने, तब हरोली में उच्च शिक्षा के सीमित संसाधन थे। लेकिन लगातार प्रयासों से आज हरोली में 33 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, एक केंद्रीय विद्यालय, तीन डिग्री कॉलेज और दो आईटीआई संस्थान संचालित हो रहे हैं। हरोली में स्थापित ट्रिपल आईटी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जबकि हिमकेप्स सोसाइटी के नर्सिंग और लॉ कॉलेज शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में उभरे हैं।

उपमुख्यमंत्री ने बच्चों को किया प्रेरित, जय चैधरी का दिया उदाहरण
उपमुख्यमंत्री ने छात्रों को मेहनत और संकल्प का महत्व बताते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने हरोली के पनोह गांव के जय चैधरी का उदाहरण दिया, जो आज के समय में अमेरिका में एक बड़े बिजनेसमैन हैं। एक छोटे से गांव से निकल कर अगर जय चैधरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर सकते हैं, तो यहां के और बच्चे भी अपनी मेहनत और लगन से असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।
श्री अग्निहोत्री ने बताया कि उन्होंने जय चैधरी से अनुरोध किया है कि वे हरोली आकर बच्चों और शिक्षकों से मिलें, ताकि उनकी कहानी प्रदेश के युवाओं को प्रेरित कर सके। खुशी की बात यह है कि जय चैधरी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वे जल्द ही हरोली आएंगे।

इस अवसर पर  संत ढंागू वाले गुज्जर राजकीय महाविद्यालय बीटन के प्राचार्या डॉ सुनीता गोयल ने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का  आभार  व्यक्त करते हुए  शाॅल व टोपी पहना कर सम्मानित  किया। उन्होंने कॉलेज का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस वरिष्ठ नेता रणजीत राणा, अशोक ठाकुर, प्रमोद कुमार, उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह, एसडीएम  हरोली विशाल शर्मा, पीटीए के कार्यकारणी अध्यक्ष राजेश कुमार,  कॉलेज स्टॉफ व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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No.204/2025-PUB SHIMLA 24 February, 2025

Speed up the process of setting up ‘Viewing Deck’ at Hasan Valley directs Deputy CM

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri presided over a meeting here today to review the progress made on development of ‘Viewing Deck’ in Hassan Valley near Dhalli, Shimla.
It was apprised that a Detailed Project Report of Rs.18 crore is in final stage, which comprises of around 600 sqm Glass Viewing Deck which will be suspended on nine ropes from the hill side and will accommodate around 700 to 800 persons at a time. It was also apprised that the project need diversion of forest land as it has been proposed to be set up in the Hasan Valley, a declared Wildlife Sanctuary area.
Sh. Agnihori directed to complete the DPR of the project within the next ten days and submit the same to the Director Tourism to accord Administrative Approval & Expenditure Sanction and funds for the same. He also directed the concerned authorities to prepare and follow up the Forest clearances under FRA for diversion of land so that it could be a major attraction for the people of the state and the tourists as well.
Rural Development & Panchayati Raj Minister Anirudh Singh who was also present on the occasion remarked that this would be an iconic project and an attraction for the tourists visiting the state.
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Hindi

उप-मुख्यमंत्री ने हसन वैली में व्यूइंग डेक के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला के ढली के समीप हसन वैली में व्यूइंग डेक के निर्माण कार्य के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में अवगत करवाया गया कि 18 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अन्तिम रूप प्रदान किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत पहाड़ी की ओर से 9 रस्सियों की सहायता से लगभग 600 वर्ग मीटर का ग्लास व्यूइंग डेक निर्मित किया जाएगा, इसमें एक बार में लगभग 700 से 800 लोगों को सुविधा प्राप्त होगी। यह परियोजना वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र हसन वैली में निर्मित की जाएगी इसलिए वन संरक्षण के तहत इस भूमि को परिवर्तित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
उप-मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आगामी 10 दिनों के भीतर परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पूर्ण करने और इसे प्रशासनिक अनुमोदन, व्यय स्वीकृति और धन की व्यवस्था के लिए निदेशक पर्यटन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित प्राधिकरण को परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए एफआरए के अंतर्गत वन स्वीकृति के लिए इस भूमि को परिवर्तित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनेगी।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास को विशेष प्राथमिकता प्रदान की जा रही है।
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एचआरटीसी निदेशक मंडल ने लगभग 700 बसें खरीदने की मंजूरी दी

हिमाचल पथ परिवहन निगम राज्य में परिवहन सुविधा को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 700 बसों की खरीद करने जा रहा है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित एचआरटीसी के निदेशक मंडल की 159वीं बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि 297 टाइप-1 ई-बसों की खरीद से संबंधित औपचारिकताएं पूरी हो गई है। बैठक में इन बसों के संबंध में खरीद समिति के अनुमोदन को स्वीकार करके इन बसों की खरीद को अंतिम स्वीकृति के लिए मंत्रिमंडल भेजने का निर्णय लिया गया। यह सभी बसें लगभग 4 महीनों के भीतर यात्रियों की सुविधा के लिए उपलब्ध होंगी। इसके अलावा बैठक में 23 टाइप-1 ई-बसें खरीदने को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि 24 नई सुपर लग्जरी बसों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है और इस संबंध में प्रदेश मंत्रिमंडल को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बैठक में 37 सीटर 250 डीजल बसों को खरीदने के लिए भी निविदा आमंत्रित करने को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त 100 मिनी बसों की खरीद के लिए री-टेंडरिंग को स्वीकृति दी गई।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 700 नई बसों के आने से प्रदेश के दूरस्थ गांवों तक आवागमन की सुविधा मिलेगी, जिससे प्रदेशवासी एवं पर्यटक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 15 वर्ष पुरानी डीजल बसों को हटाने के निर्देश मिले हैं जिनके अनुपालन के बाद एचआरटीसी के बेड़े में बसों की संख्या काफी हद तक घट जाएगी। लेकिन नई बसों की खरीद के निर्णय से स्थिति पुनः सामान्य हो जाएगी।
बैठक में दो त्वरित प्रतिक्रिया वाहन और चार क्रैन खरीदने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि एचआरटीसी ने पिछले एक वर्ष के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है।
निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बैठक का संचालन किया। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में निगम की कार्य प्रणाली में और सुधार लाया जाएगा ताकि लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ निगम की आय में भी वृद्धि की जा सके।
बैठक में निदेशक मंडल के सदस्य, प्रधान सचिव आर.डी. नजीम, निदेशक डीसी नेगी, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल, परिवहन निगम के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अजय वर्मा सहित गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।
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18 February 2025

प्रैस

• उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राजस्थान के उदयपुर में आयोजित दूसरे ऑल इंडिया स्टेट वाटर मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहाड़ी राज्यों के लिए बने विशेष नीति बनाने की की पैरवी
• मौसम चक्र में बदलाव से घटते जल स्रोतों को बचाने के लिए तलाशने होंगे नये विकल्प
• वर्षा जल संग्रहण और जल स्रोत पुनर्भरण संरचनाओं को करना होगा प्रोत्साहित

राजस्थान के उदयपुर में आयोजित दूसरे ऑल इंडिया स्टेट वाटर मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस(18 व 19 फरवरी )में हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। “India-2027 – “एक जल सुरक्षित राष्ट्र” विषय पर अपने संबोधन में उन्होंने जल संकट, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और नवाचार आधारित समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिससे जल प्रबंधन को अधिक स्थायी बनाया जा सके
सम्मेलन के पहले दिन अपने उद्बोधन में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष नीति बननी चाहिए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि असमय बारिश और कम बर्फबारी के कारण जल स्रोतों का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है।
वैज्ञानिक अध्ययनों का हवाला देते हुए उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमालयी ग्लेशियर प्रति दशक 20-30 मीटर की दर से पिघल रहे हैं, जिससे नदी प्रवाह में अनिश्चितता बढ़ रही है और जल संकट गहरा हो रहा है। इससे पीने के पानी, सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने जलवायु-सहिष्णु नीतियों और उन्नत वैज्ञानिक हस्तक्षेपों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। हमें पारम्परिक जल स्रोतों के संरक्षण के साथ-साथ आधुनिक तकनीक, नवाचारों और विकल्पों पर विचार करना होगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल का 65 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र के तहत आता है जो केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। जिससे विकास परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता सीमित हो जाती है। वनों के संरक्षण के रूप में हिमाचल प्रदेश का जल संरक्षण, पर्यावरण और पारिस्थितिकी को बचाने में बड़ा योगदान है। इसकी एवज़ में केन्द्र द्वारा हिमाचल को विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए जो पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक और दुर्गम परिस्थितियों के अनुकूल हो। उप मुख्यमंत्री ने राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नीतिगत ढील और विशेष विकास प्रोत्साहन की आवश्यकता पर बल दिया जिससे पर्यावरणीय संतुलन और बुनियादी ढाँचे के विकास के बीच संतुलन बना रहे।
अग्निहोत्री ने कहा कि हमने हर घर नल तो पहुंचा तो दिये हैं लेकिन हर नल में जल पहुंचाना बड़ी चुनौती है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमें वर्षा जल संग्रहण और जल स्रोत पुनर्भरण संरचनाओं को प्रोत्साहित करना होगा इसके लिए पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष केन्द्रीय सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने पहाड़ी राज्यों के लिए दिये जाने वाले केन्द्रीय अनुदान में निर्धारित मापदण्डों को लचीला करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश भर के लिए समान रूप से तैयार की गई नीति को अमल में लाना पहाड़ी राज्यों के लिए संभव नहीं हो पाता है क्योंकि मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले पहा़ड़ी राज्यों की जटिल भौगोलिक बनावट और दुर्गम परिस्थितियों में निर्माण लागत और अन्य व्यय अधिक होता है।
उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत अधूरी पड़ी लगभग 1000 पेयजल आपर्ति योजनाओं को पूरा करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की मांग की। उन्होंने उच्च पर्वतीय राज्यों के लिए एक विशेष फंडिंग विंडो बनाने का प्रस्ताव रखा जिससे हिमाचल के किन्नौर, लाहौल-स्पिति और चम्बा के जनजातीय और ठण्डे क्षेत्रों में 12 महीने निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एंटी-फ्रीज़ जल आपूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जा सके जिनमें इन्सुलेटेड पाइपलाइन, हीटेड टैप सिस्टम और सौर-चालित पंप शामिल हैं।
उन्होंने हिमाचल द्वारा बर्फ एवं जल संरक्षण के लिए 1269.29 करोड़ रुपये और सूखे और खराब पड़े लगभग 2000 हैंडपंपों और ट्यूबवेलों के माध्यम से ‘‘भूजल के पुनर्भरण‘‘ के लिए तैयार की गई एक विस्तृत परियोजना को अमल में लाने के लिए भी केन्द्र सरकार से वित्त पोषण की मांग की।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 90 फीसदी से अधिक ग्रामीण आबादी है। जिनमें से 67 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि, बागवानी और सब्ज़ी उत्पादन पर निर्भर है। आधुनिक खेती में सिंचाई की ज़रूरतों को देखते हुए सिंचाई योजनाओं को बढ़ावा देना पड़ेगा। उन्होंने केंद्रीय स्वीकृति के लिए लम्बित पड़ी PMKSY-हर खेत को पानी और PMKSY-AIBP के अंतर्गत प्रस्तावित नई सतही लघु सिंचाई और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को जल्द से जल्द मंजूरी देने का भी आग्रह किया।
उप मुख्यमंत्री ने रेखंकित किया कि तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण उपनगरीय क्षेत्रों में जल और स्वच्छता की गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान योजनाएँ जैसे “जल जीवन मिशन” और “अमृत” इन क्षेत्रों की जलापूर्ति और सीवरेज आवश्यकताओं को पूरी तरह कवर नहीं कर पातीं। उपनगरीय इलाकों में जल और स्वच्छता की सुविधाएँ मुहैया करवाने व इन क्षेत्रों में व्यापक सीवरेज और स्वच्छता सेवाएँ बढ़ाने के लिए उन्होंने अलग मानदंड और समर्पित वित्तीय सहायता की मांग की।
उप मुख्यमंत्री ने “India/2047-एक जल सुरक्षित राष्ट्र” की दिशा में संकल्प के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सरकार से अधिक उदार फंडिंग और लचीली नीतिगत सहायता की तत्काल आवश्यकता को इंगित किया।

English

Deputy CM Mukesh Agnihotri advocates special policy for hill states in All India State Water Ministers Conference

• New options required to save depleting water sources due to changes in the weather cycle
• Rainwater harvesting and water source recharge structures must be encouraged

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri emphasized upon the need to adopt a long-term and scientific approach for water security. He was speaking at the second All India State Water Ministers Conference being organised in Udaipur in Rajasthan. Addressing the gathering on the topic ‘India@2047 – A Water Secure Nation’, he underlined the need for water crisis and effects of climate change and innovation-based solutions, so that water management could be made more sustainable.
In his address on the first day of the conference, being organised on 18th and 19th February, the Deputy Chief Minister said that a special policy should be made for hill states to face the challenges of climate change. He said that due to untimely rains and less snowfall, the water level of water sources is continuously decreasing.
Citing scientific studies, the Deputy Chief Minister said that Himalayan glaciers are melting at the rate of 20-30 meters per decade, increasing uncertainty in river flow and volume, and deepening the water crisis. “This is having a serious impact on drinking water, irrigation and hydropower generation,” he said, emphasizing on the need for climate-tolerant policies and advanced scientific interventions.
The Deputy Chief Minister stated: “We have to rethink our strategies. Consider modern technologies, innovations and alternatives along with the conservation of traditional water sources.”
He said that 65 percent of Himachal falls under forest area which is under the jurisdiction of the Central Government. “Due to this the availability of land for development projects becomes limited. Himachal Pradesh has a major contribution in water conservation, environment and ecology in the form of conservation of forests. In return, the Center should give a special package to Himachal, which is suitable for the geographical and inaccessible conditions of the hilly areas,” stated the Deputy Chief Minister. He reiterated the state’s environmental commitment and stressed the need for policy relaxation and special development incentives so that a balance between environmental and infrastructure development is effectively maintained.
He further stated that the state government has provided tap facility to every household but keeping in view the challenge of water scarcity in future due to climate change, providing water to every tap could become a big challenge. To address the problem of water shortage, we have to encourage rainwater harvesting and recharging of existing water sources, for which special central assistance should be given to the hill states.
“Parameters of central grant given to the hill states should be made flexible as it is not possible for the hill states to implement a policy prepared uniformly for the whole country because the construction cost and other expenses are higher in the hill states due to complex geographical structure and inaccessible conditions as compared to the plains,” said the Deputy Chief Minister.
He demanded Rs. 2,000 crore to complete about 1,000 incomplete drinking water supply schemes under Jal Jeevan Mission. He proposed to create a special funding window for the mountain states to construct anti-freeze water supply schemes, which include insulated pipelines, heated tap systems and solar-powered pumps, to ensure uninterrupted water supply for 12 months in the tribal and cold areas of Himachal’s Kinnaur, Lahaul-Spiti and Chamba.
He also demanded funding from the Central Government to implement a comprehensive project prepared by Himachal for snow and water conservation worth Rs 1269.29 crore and for “recharging groundwater” through about 2000 dry and defunct hand pumps and tube wells.
Mukesh Agnihotri said that Himachal Pradesh has more than 90 percent rural population out of which livelihood of 67 percent depends on agriculture and horticulture. Irrigation schemes will have to be promoted in view of the irrigation needs in modern farming. He also urged for early approval of new surface small and medium irrigation projects proposed under ‘PMKSY-Har Khet Ko Pani’ and ‘PMKSY & AIBP’ pending for central approval.
He underlined that rapid urbanization is posing serious water and sanitation challenges in sub-urban areas. “The existing schemes like ‘Jal Jeevan Mission’ and ‘AMRUT’ do not fully cover the water supply and sewerage requirements of these areas. Separate norms must be set and dedicated financial support should be given to provide water and sanitation facilities in sub-urban areas along with enhancing comprehensive sewerage and sanitation services in these areas,” said the Deputy Chief Minister.
He reiterated Himachal Pradesh’s commitment towards ‘India@2047 – A Water Secure Nation’ and pointed out the urgent need for more liberal funding and flexible policy support from the Central Government to ensure long-term sustainability.
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शिमला 15 फरवरी, 2025

उप-मुख्यमंत्री से मिले ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980) के अभियार्थी

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से आज (शनिवार) सचिवालय में ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980) के अभ्यर्थी मिले। अभ्यर्थीयों ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कैबिनेट ने लंबित भर्ती परिणाम घोषित करने पर अभार व्यक्त किया।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी सभी अभ्यर्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
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प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की स्मृति में भावपूर्ण जागरण का आयोजन
ऊना, 13 फरवरी. शिक्षा और समाज सेवा में अतुलनीय योगदान देने वाली स्वर्गीय प्रो. (डॉ.) सिम्मी अग्निहोत्री की पुण्य स्मृति में बुधवार रात हरोली के बाथू स्थित राजीव गांधी सुविधा केंद्र में माता रानी के जागरण का आयोजन किया गया। इस भावपूर्ण आयोजन में प्रसिद्ध गायक रोशन प्रिंस और अनंतपाल बिल्ला ने अपने भजन-कीर्तन से श्रद्धालुओं को भक्तिरस में सराबोर कर दिया।


गौरतलब है कि बीते वर्ष 12 फरवरी को प्रो. (डॉ.) सिम्मी अग्निहोत्री ने माता रानी का जागरण करवाने का संकल्प लिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश जागरण से तीन दिन पूर्व उनका आकस्मिक निधन हो गया, जिससे यह संकल्प अधूरा रह गया था। उनकी स्मृति और अधूरे संकल्प को पूरा करने के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री ने इस वर्ष उसी दिन, समय और स्थान पर जागरण का आयोजन किया। माता श्री ज्वाला जी मंदिर से पवित्र ज्योति लाकर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ स्थापित की गई।


इस आयोजन में समाज जीवन के हर क्षेत्र की विशिष्ट और श्रेष्ठ विभूतियों सहित आमजन भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, उपाध्यक्ष विनय कुमार, आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, चंबा सदर के विधायक नीरज नैयर, चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा, नालागढ़ के विधायक हरदीप सिंह बाबा, हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान, पूर्व मंत्री आशा कुमारी, हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, मंडी सदर से कांग्रेस नेता चम्मा ठाकुर, ऊना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रणजीत राणा, उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों, प्रशासनिक अधिकारियों, परिवारजनों और श्रद्धालुओं ने माता के जागरण में भाग लिया। उन्होंने प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को नमन किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की धार्मिक निष्ठा और उनकी अधूरी इच्छा को पूर्ण करने के लिए किया गया। प्रो. सिम्मी माता रानी की अनन्य भक्त थीं। लगातार पांच बार विधायक के रूप में रिकॉर्ड मतों से विजयी रहे श्री अग्निहोत्री की सफलता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। हर चुनावी विजय के उपरांत प्रो. सिम्मी नंगे पांव माता चिंतपूर्णी, माता ज्वालामुखी और माता बगलामुखी के दर्शन के लिए घर से पैदल निकलती थीं। उनकी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने मां के निधन के उपरांत पिछले मार्च में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप अपने निवास गोंदपुर जयचंद से माता चिंतपूर्णी के दरबार तक नंगे पांव पैदल यात्रा की थी।
एक महान शिक्षाविद और सच्ची समाजसेवी थीं प्रो. सिम्मी
29 सितंबर 1968 को मंडी में जन्मीं प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री का नाम शिक्षा के आकाश में एक नक्षत्र की तरह चमकता रहेगा। वे 9 फरवरी 2024 को अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके माता रानी की दिव्य ज्योति में विलीन हो गईं। अपने छोटे से जीवन काल में उन्होंने अनेक अकादमिक उपलब्धियां अर्जित कीं, जो अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक मंचों पर भारतीय शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्याल; में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की प्रोफेसर के रूप में अपने ज्ञान और अनुभव से उन्होंने अनगिनत जीवनों को रोशन किया। साथ ही वे समाज सेवा के क्षेत्र में जीवन पर्यन्त तत्परता से जुटी रहीं। नशे के खिलाफ आंदोलन, सड़क सुरक्षा अभियान, सामाजिक कार्य में सहभागिता तथा हर क्षेत्र में उनकी सहभागिता समाज सेवा के कार्य में उनकी लगातार सक्रियता की बानगी रहे।

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प्रेस नोट

12 फरवरी 2025

संत गुरु रविदास की शिक्षाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता: मुकेश अग्निहोत्री

उप-मुख्यमंत्री ने गोंदपुर जयचन्द में गुरु रविदास की जयंती समारोह में की शिरकत

गोंदपुर जयचन्द बस्ती में सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृत

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज गोंदपुर जयचन्द में संत गुरु रविदास की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर नौजवान सभा गोंदपुर जयचंद द्वारा आयोजित किए गए समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि संत गुरु रविदास जी ने अपने जीवनकाल में समानता, सामाजिक न्याय और भाईचारे के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया था। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें एकता, समरसता और सामाजिक न्याय की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती हैं। हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए।उन्होंने कहा कि समाज को संत गुरु रविदास की सकारात्मक शिक्षाओं पर चलने की आवश्यकता है। उनकी शिक्षाओं पर चलकर आदर्श समाज का निर्माण किया जा सकता है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से धार्मिक स्थलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में मंदिरों के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संत गुरु रविदास मन्दिर भदसाली कोे 50 लाख रुपये, सलोह के लिए 25 लाख रुपये, धनपुर के लिए 15 लाख रुपये, पंजावर के लिए 15 लाख रुपये, वालीवाल के लिए 15 लाख रुपये, ललड़ी के लिए 25 लाख रुपये और श्रीचरणो मन्दिर बडेडा के लिए 15 लाख रुपये दिए है। इसके साथ, हरोली में संत गुरु रविदास मन्दिर की सरायं निर्मित करनेे के लिए 10 लाख रुपये दिए है।उन्होंने कहा कि बाबा सिद्ध जलंधरी के लिए 25 लाख प्रदान किए गए हैं और बीटन की कुटीया निर्माण के लिए 25 लाख रुपये दिए है। संत बाबा डांगू वाले को 25 लाख रुपये दिए है। सलोह में कुटिया के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की राशि जारी की है। बाबा बाल जी के मन्दिर के लिए 25 लाख रुपये जारी किए है। बनोडे महादेव मन्दिर भडाला के लिए 25 लाख रुपये जारी किए गए है। इसपुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से शीतला मन्दिर का निर्माण किया जा रहा है। दमामियो मन्दिर की सड़क के लिए 8 करोड़ रुपये जारी किए है। दुलैहड़ में रवि दास मन्दिर के लिए 25 लाख रुपये जारी किये गए हैं।मुकेश अग्निहोत्री ने गोंदपुर जयचन्द में नवनिर्मित वर्षा शालिका के नजदीक सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की। उन्होंने कहा कि प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है और हरोली विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को गति प्रदान की जा रही है। इस विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण, सिंचाई के लिए ट्यूब वेल और तलाब निर्मित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की जनसहभागिता से बाथु में 70 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई परियोजना निर्मित की जा रही है। जल शक्ति विभाग मंे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रहा है और आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। उन्होंने कार्यक्रम में मंच का संचालन कर रही बेटियों को प्रोत्साहन प्रदान करते हुए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा उप-मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत गोंदपुर जयचन्द के प्रधान अनुप अग्निहोत्री, उप-प्रधान करनेल सिंह, डॉ. भीमराव अम्बेडकर नौजवान सभा के प्रधान जगमोहन सिंह, उप-प्रधान परमजीत सिंह, पुबोवाल के पूर्व-प्रधान बाबा सन्तोष दास व अन्य गणमान्य उपस्थित थे। .0.

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प्रेस नोट

प्रो. (डॉ.) सिम्मी अग्निहोत्री की पुण्यतिथि पर उपमुख्यमंत्री ने प्रतिमा पर अर्पित किए श्रद्धासुमन, ऊना में लंगर सेवा आयोजित

ऊना, 9 फरवरी। शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाली प्रो. (डॉ.) सिम्मी अग्निहोत्री की प्रथम पुण्यतिथि पर आज (रविवार) उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, हरोली में उनकी नव स्थापित प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सुपुत्री डॉ. आस्था अग्निहोत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ श्रद्धा-सुमन अर्पित किए तथा उनकी स्मृति में कॉलेज परिसर में एक पौधा भी रोपा।गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नीस्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री न केवल एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् थीं, बल्कि समाज सेवा के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण भी अद्वितीय था। गत वर्ष 9 फरवरी 2024 को प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री का देहावसान हुआ था। वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन की प्रोफेसर थीं और प्रदेश में शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उनका विशिष्ट योगदान रहा। उनके शोध व शिक्षण कार्यों ने शिक्षा जगत में अमिट छाप छोड़ी, जिससे अनगिनत विद्यार्थियों को मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली। समाज सेवा के प्रति समर्पित प्रो. सिम्मी ने आस्था फाउंडेशन के माध्यम से गरीबों की सहायता, नशा विरोधी आंदोलन, सड़क सुरक्षा अभियान जैसे सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई।शिक्षा और समाज सेवा के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए हरोली कॉलेज में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है, जो आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान की याद दिलाती रहेगी।

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में लंगर सेवा का आयोजन

प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की पुण्यतिथि पर क्षेत्रीय अस्पताल, ऊना में लंगर सेवा का आयोजन किया गया, जिसमें उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री और भाई राकेश अग्निहोत्री ने स्वयं मरीजों, तीमारदारों और अस्पताल स्टाफ को भोजन परोसा।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की सेवा भावना समाज के लिए प्रेरणास्रोत रही है। वे हमेशा बीमारों, गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के प्रति समर्पित रहीं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शुरू किए गए सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ इस लंगर सेवा का आयोजन किया गया है।उपमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया और प्रो. सिम्मी के योगदान को याद करते हुए कहा कि समाज सेवा के प्रति उनकी निष्ठा एवं समर्पण हमेशा प्रेरणादायी रहेगा।-0-

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